जब टैक्स बना हथियार: ट्रंप की टैरिफ वॉर ने कैसे ठप कर दिया भारत का कपड़ा कारोबार?
🧵 जब टैक्स बना हथियार: ट्रंप की टैरिफ वॉर ने कैसे ठप कर दिया भारत का कपड़ा कारोबार?
🗓️ 31 जुलाई 2025 | ✍️ लेखक: शाहिद सिद्दीकी
🔖 श्रेणी: अंतरराष्ट्रीय व्यापार | अर्थव्यवस्था | युवा जागरूकता
🇺🇸 टैरिफ वॉर क्या होता है?
मान लीजिए, दो देश आपस में सामान बेचते हैं। अगर एक देश दूसरे देश के सामान पर ज्यादा टैक्स (टैरिफ) लगा दे, तो उस देश का माल महंगा हो जाएगा, और बिकना कम हो जाएगा। इसी को कहते हैं टैरिफ वॉर — यानी टैक्स के ज़रिए व्यापार की लड़ाई।
👔 ट्रंप ने क्यों किया हमला?
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने “America First” नीति अपनाई और दुनिया भर से आने वाले माल पर टैक्स बढ़ा दिया। शुरुआत चीन से हुई, लेकिन भारत भी उसकी चपेट में आ गया।
🇮🇳 भारत का टेक्सटाइल कारोबार क्यों हुआ ठप?
- भारत का टेक्सटाइल सेक्टर 4.5 करोड़ से ज़्यादा लोगों को रोजगार देता है।
- अमेरिका ने भारत के टेक्सटाइल पर 26% तक टैरिफ और अब अतिरिक्त 25% टैरिफ लागू किया है।
- इससे भारतीय कपड़े महंगे हो गए और अमेरिका के खरीदार बांग्लादेश, वियतनाम की ओर बढ़ गए।
📉 क्या भारत का एक्सपोर्ट पूरी तरह से रुक गया?
नहीं। जनवरी–मई 2025 के बीच भारत के टेक्सटाइल एक्सपोर्ट में 13% की वृद्धि हुई। लेकिन यह वृद्धि स्थायी नहीं है। अगर अमेरिका के साथ Mini-Trade Deal नहीं बनी, तो एक्सपोर्ट पर गहरा असर पड़ सकता है।
📚 युवाओं के लिए क्यों ज़रूरी है ये जानना?
“आज की वैश्विक नीति, कल की रोज़गार नीति बनती है।”
- इंटरव्यू में ऐसे समसामयिक अंतरराष्ट्रीय मुद्दे पर सवाल आम हैं।
- विदेश नीति का असर घरेलू रोजगार, महंगाई और बजट पर भी होता है।
🧭 अब क्या कर सकता है भारत?
- Mini-trade deal पर तेज़ बातचीत करनी चाहिए।
- नए बाजार जैसे यूरोप और अफ्रीका की खोज।
- टेक्सटाइल सेक्टर में नीतिगत सुधार और टेक्नोलॉजी अपग्रेड।
- FTAs (Free Trade Agreements) पर नई रणनीति बनानी होगी।
📢 शाहिद सिद्दीकी कहते हैं:
“ट्रेड वॉर सिर्फ लीडरशिप की लड़ाई नहीं, ये हर करघे, हर बुनकर और हर व्यापारी की कहानी है। भारत को अब एक्टिव प्लेयर बनना होगा, रिएक्टिव नहीं।”
🔖 निष्कर्ष:
ट्रंप की टैरिफ वॉर ने यह साफ़ कर दिया कि वैश्विक नीतियों की समझ हर युवा को होनी चाहिए। क्योंकि आज का टैक्स, कल की नौकरी और महंगाई तय करता है।