इंसान गलतियों से सबक सिखता है
“ इंसान गलतियों से सबक सिखता है, यह जरूरी नहीं के कोन गलत है, जरूरी यह है क्या गलत है. बीते हुए दिनों को सपने की तरह भूल जाओ, मेरा मानना है के नए दिनों की शुरुवात पुरानी यादों से करने वाले लोग अक्सर नुकसान में रहते है ”
“ इंसान गलतियों से सबक सिखता है, यह जरूरी नहीं के कोन गलत है, जरूरी यह है क्या गलत है. बीते हुए दिनों को सपने की तरह भूल जाओ, मेरा मानना है के नए दिनों की शुरुवात पुरानी यादों से करने वाले लोग अक्सर नुकसान में रहते है ”
दिल-ए-मुर्तजा बन जाए , होगी इख़्तियार तेरे आरजू की तेरे दरबार में सजदा जु , मुझे तो आरज़ू तेरे गुफ्तगू…
Sahib, Sahiba, aur Begum: A Tale of Love, Ambition, and Destiny BY Shahid Siddiqui Introduction:- “Sahib, Sahiba, and Begum”…
“यह जरूरी नही है के हम समय को कितना महत्व दे रहे है , महत्व यह है के हम समय…
Unity in Diversity: The Concept of Religions Across Cultures By: Shahid Siddiqui Chapter I: Introduction Religion has been an…
“इंसान अपने अतीत को कभी भुला नहीं सकता, क्योंकि बीते हुए लम्हे उसकी यादों में बस जाते हैं। कई बार,…
परिचय जब हम स्कूल में पढ़ते हैं तो हमें सिखाया जाता है कि साल में 12 महीने होते हैं –…